ढिसरना पु † क्रि॰ अ॰ [सं॰ घ्वंसन] १. फिसल पड़ना । सरक पड़ना । २. प्रवृत्त होना । झुकना । ड़॰— उक्ति युक्ति सब तबहीं बिसरै । जव पड़ित पढ़ि तिय पै ढिसरै ।—निश्चल (शब्द॰) । ३. फलों का कुछ कुछ पकना ।