ढुरकना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ढुरकना पु † क्रि॰ अं॰ [हिं॰ ढार]
१. लुढ़कना । फिसलकर सरकाना या गिरना । उ॰— लोग चढ़ी अति मोहन की गति मोह महा गिरि तें ढुरकी ।—देव (शब्द॰) ।
२. झुकना । उ॰— संग में सईस तें रईस तें नफीस बेस, सीस उसनीस बना बाम ओर दुरकी ।—गोपाल (शब्द॰) ।
३. ढरकना । टपकनों । बहना ।