ढुरढुरिया † वि॰ [हिं॰ ढुरना] ढलवाँ । चढ़ाव उतारवाला । उ॰— अंग ओके पातर मुँह ढुरढुरिया, चूहै, मेछन के रेख ।— शुक्ल॰ अभि॰ ग्रं॰ (सा॰), पृ॰ १४० ।