ढुलमुल वि॰ [हिं॰ ढुलना, या अनु॰] दे॰ 'ढुलढुल' । उ॰— गा गाया फिर भक्त ढुलमुल चाटुता से वासना को झलमलाकर ।— इत्यलम्, पृ॰ १६७ ।