ढूकना क्रि॰ अ॰ [सं॰ √ढौका, प्रा॰ ढुक्क, हिं॰ ढुकना] १. पास जाना । समीप जाना । उ॰— अहर रंग रत्तउ हुवइ, मुख काजल मसि ब्रन्न । जाँणयउ गुंजाहल अछइ, तेण न ढूकउ मन्न ।—ढोला॰, दू॰ ५७२ ।