ढोलना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ढोलना ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ढोल]
१. ढोलक के आकार का छोटा जंतर जो तागे में पिरोकर गले में पहना जाता है । उ॰— आने गढ़ि सोना ढोलना पहिराए चतुर सुनार ।—सूर (शब्द॰) ।
२. ढोल के आकार का बड़ा बेलन जिसे पहिए की तरह लुढ़का कर सड़क का कंकड़ पीटते या खेत के ढेले फोड़कर जमीन चौरस करते हैं ।
ढोलना ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ दोलन] बच्चों का छोटा झूला । पालना ।
ढोलना ^३ † क्रि॰ स॰ [सं॰ दोलन]
१. ढरकाना । ढालना । उ॰— (क) रे घटवासी, मैंने वे घट तेरे ही चरणों पर ढोले; कौन तुम्हारी बातें खोले ।— हिमत॰, पृ॰ २६ । (ख) चोवा केरै कूँपलै ढोली साहिब सीस ।— ढोला॰ दू॰ ५९२ ।
२. इधर उधर हिलाना । डुलाना । झलना । जैसे, चँवर ढोलना ।