तँ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तँ पु † प्रत्य॰ [सं॰ तस् (प्रत्य॰)]
१. से । द्वारा । उ॰—रज तें रजनी दिन भयो पूरि गयो असमान ।—गोपाल (शब्द॰) ।
२. से (अधिक) । उ॰—(क) को जग मंद मलिन मति मो तें ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) नैना तेरे जलज ते है खंजन तैं अति नाचैं ।—सूर (शब्द॰) । (ग) चपला तें चमकत अति प्यारी कहा करौगी श्यामहिं ।—सूर (शब्द॰) । विशेष—कहीं कहीं 'अधिक' बढ़कर' आदि शब्दों का लोप करके भी 'तें' से अपेक्षाकृत आधिक्य का अर्थ निकालते हैं । वि॰ दे॰ 'से' ।
३. (किसी काल या स्थान) से । उ॰—द्यौसक तें पिय चित चढ़ी कहै चढ़ौहैं त्यौर ।—बिहारी (शब्द॰) । विशेष— दे॰ 'से' ।