तंद्रिक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तंद्रिक संज्ञा पुं॰ [सं॰ तन्द्रिक] एक प्रकार का ज्वर [को॰] ।
तंद्रिक सन्निपात संज्ञा पुं॰ [सं॰] ऐसा सन्निपात ज्वर जिसमें उँघाई विशेष आए, ज्वर वेग से चढे, प्यास विशेष लगे, जीभ काली होकर खुरखुरी हो जाय, दम फूले, दस्त विशेष हों, जलन न हो और कान में दर्द रहे । इसकी अवधि २५ दिन है ।