तअस्सुब संज्ञा पुं॰ [अ॰] पक्षपात, विशेषतः धर्म या जाति संबंधी पपात । उ॰—तअस्सुब में हुए हैवान दिलशादा ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ २०८ ।