तकिया
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हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
तकिया संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ तकियह्]
१. कपड़े का बना हुआ लंबो— तरा, गोल या चौकौर थैला जिसमें रूई, पर आदि भरते हैं और जिसे सोने लेटने आदि के समय सिर के नीचे रखते हैं । बालिश । उपधान ।
२. पत्थर की वह पटिया आदि जो छज्जे, रोक या सहारे कि लेय लगाई जाती है । मुतक्का ।
३. विश्राम करने या आश्रय लेने का स्थान ।
४. आश्रय । सहारा । आसरा । भरोसा । उ॰—तहँ तुलसी के कौल कौ काको तकिया रे ।—तुलसी (शब्द॰) । यौ॰—तकियाकलाम ।
५. वह स्थान विशेषतः शहर के बाहर था कब्रिस्तान के पास का स्थान जहाँ कोई मुसलमान फकरी रहता हो । कब्रिस्तान का स्थान ।
६. चारजामाँ । (लश॰) ।
तकिया कलाम संज्ञा पुं॰ [फा॰ तकियह् + अ॰ कलाम] दे॰ 'सखुनतकिया' ।