तड़ाका
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तड़ाका ^१ संज्ञा पुं॰ [अनु॰]
१. 'तड़' शब्द । जैसे,—न जाने कहाँ कल रात को बड़े जोर का तड़ाका हुआ ।
२. कमख्वाब बुननेवालों का एक डंडा जो प्रायः सवा गज लंबा होता है और लफे में बँधा रहता है । इसके नीचे तीन और डंडे बँधे होते हैं ।
३. पेड़ । वृक्ष ।—(कहारों की परि॰) ।
तड़ाका ^२ क्रि॰ वि॰ [हिं॰ तड़ाक] चटपपट । जल्दी से । तुरंत । जैसे,—तड़ाका जाकर बाजार से सौदा ले आओ (बोलचाल) ।