तत्पुरुष
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
तत्पुरुष संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. ईश्वर । परमेश्वर ।
२. एक रुद्र का नाम ।
३. मत्स्य पुराण के अनुसार एक कल्प (काल विभाग) का नाम ।
४. व्याकरण में एक प्रकार का समास जिसमें पहले पद में कर्ता कारक की विभक्ति को छोड़कर कर्म आदि दूसरे कारकों की विभक्ति लुप्त हो और जिसमें पिछले पद का अर्थ प्रधान हो । इसका लिंग और वचन आदि पिछले या उत्तर पद के अनुसार होता है । जैसे,—जलचर, नरेश, हिमालय, यज्ञशाला ।