तना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तना ^१ संज्ञा पुं॰ [फा॰ तनह्] वृक्ष का जमीन से ऊपर निकला हुआ वहाँ तक का भाग जहाँ तक डालियाँ न निकली हों । पेड़ का धड़ । मंदल ।
तना ^२ क्रि॰ वि॰ [हिं॰ तन] ओर । तरफ । दे॰ 'तन' । उ॰— नील पट झपटि लपेटि छिगुनी पै धरि टेरि टेरि कहैं हँसि हेरि हरिजू तना ।—देव (शब्द॰) ।
तना ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ तन] शरीर । जिस्म । उ॰—तना सुख में पड़ा तब से गुरू का शुक्र क्यों भूला —कबीर मं॰, पृ॰ ५४३ ।