तन्त्री
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तंत्री ^१
१. बीन, सितार आदि बाजों में लगा हुआ तार ।
२. गुड़ूची । गुरुच ।
३. शरीर की नस ।
४. एक नदी का नाम ।
५. रज्जु । रस्सी ।
५. वह बाजा जिसमें, बजाने के लिये तार लगे हों । तंत्र । जैसे, सितार, बीन, सारंगी आदि ।
७. वीणा ।
तंत्री ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ तन्त्रिन्]
१. वह जो बाजा बजाता हो ।
२. वह जो गाता हो । गवैया । उ॰— तंत्री काम क्रोध निज दोऊ अपनी अपनी रोति । दुविधा दुंदुभि है निसिवासर उपजावति विपरूत ।— सूर (शब्द॰) ।
३. सैनिक (को॰) ।
तंत्री ^३ वि॰
१. जिसमें तार लगे हों । तार का बना हुआ ।
२. जो तारवाला हो ( जैसे, वीणा) ।
३. तंत्र का अनुसरण करनेवाला [को॰] ।
तंत्री ^४ वि॰ [सं॰ तन्त्रिन्]
१. आलसी ।
२. अधीन ।