सामग्री पर जाएँ

तप्प

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

तप्प पु † पुं॰ [हिं॰ तप] दे॰ 'तप' उ॰—साधक सिद्धि न पाय जौ लहि साधि न तप्प । सोई जानहिं बापुरो सीस जो करहिं कलप्प ।—जायसी ग्रं॰ (गुप्त), पृ॰ १२३ ।