तरकी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तरकी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ताडङ्की] कान में पहनने का फूल के आकार का एक गहना । विशेष—इस गहने का वह भाग जो कान के अंदर रहता है, ताड़ के पत्ते को गोल लपेटकर बनाया जाता है । इससे यह शब्द 'ताड़' से निकला हुआ जान पड़ता है । सं॰ शब्द 'ताडङ्क' से भी यही सूचित होता है । इसके अतिरिक्त इस गहने को तालपत्र भी कहते हैं । इसे आजकल छोटी जाति की स्त्रियाँ अधिक पहनती हैं । पर सोने के कर्णफूल आदि के लिये भी इस शब्द का प्रयोग होता है ।