तराजू
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तराजू संज्ञा स्त्री॰, पुं॰ [फा़॰ तराजू] रस्सियों के द्वारा एक सीधी डाँडी के छोरों से बँधे हुए दो पलड़ों का एक यंत्र जिससे वस्तुओं की तौल मालूम करते हैं । तौलने का यंत्र । तुला । ढकडी़ । मुहा॰—तराजू हो जाना = (१) तीर का निशाने के इस प्रकार आरपार घुसना कि उसका आधा भाग एक ओर, और आधा दूसरी ओर निकला रहे । (२) दो सैनिक दलों का इस प्रकार ठीक ठीक बराबर होना कि एक दूसरे को परास्त न कर सके ।