तलना क्रि॰ स॰ [सं॰ तरण (= तिराना)] कड़कड़ाते हुए घी या तेल में डालकर पकाना । जैसे, पापड़ तलना, घुँघनी तलना । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना । विशेष—भावप्रकाश में 'घी' में भुना हुआ के अर्थ में 'तलित' शब्द आया है, पर वह संस्कृत नहीं जान पड़ता ।