ताजमहल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ताजमहल संज्ञा पुं॰ [अ॰] आगरे का प्रसिद्ध मकबरा जिसे शाह- जहाँ बादशाह ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की स्मृति में बनवाया था । विशेष—ऐसा कहा जाता है कि बेगम ने एक रात को स्वप्न देखा कि उसका गर्भस्थ शिशु इस प्रकार रो रहा है जैसा कभी सुना नहीं गया था । बेगम ने बादशाह से कहा—'मेरा अंतिम काल निकट जान पड़ता है । आपसे मेरी प्रार्थना है कि आप मेरे मरने पर किसी दूसरी बेगम के साथ निकाह न करें, मेरे लड़के को ही राजसिंहासन का अधिकारी बनावें और मेरा मकबरा ऐसा बनवावें जैसा कहीं भूमंड़ल पर न हो' । प्रसव के थोड़े दिन पीछे ही बेगम का शरीर छूट गया । बादशाह ने बेगम की अंतिम प्रार्थना के अनुसार जमुना के किनारे यह विशाल और अनुपम भवन निर्मित कराया जिसके जोड़ की इमारत संसार में कहीं नहीं है । यह मकबरा बिल्कुल संगमरमर का है । जिसमें नाना प्रकार के बहुमूल् य रंगीन पत्थरों के टुकड़े जड़कर बेल बूटों का ऐसा सुंदर काम बना है कि चित्र का धोखा होता है । रंग बिरंग के फूल पत्ते पच्चीकारी के द्वारा खचित हैं । पत्तियों की नसें तक दिखाई गई हैं । इस मकबरे को बनाने में ३० वर्ष तक हजारों मजदूर और देशी विदेशी कारीगर लगे रहे । मसाला, मजदूरी आदि आजकल की अपेक्षा कई गुनी सस्ती होने पर भी इस इमारत में उस समय ३१७३८०२४ रुपए लगे । टेवर्नियर नामक फ्रेंच यात्री उस समय भारतवर्ष ही में था जब यह इमारत बन रही थी । इस अनुपम भवन को देखते ही मनुष्य मुग्ध हो जाता है । ठगों को दमन करनेवाले प्रसिद्ध कर्नल स्लीमन जब ताजमहल को देखने सस्त्रीक गए, तब उनकी स्त्री के मुँह से यही निकाला कि 'यदि मेरे ऊपर भी ऐसा ही मकबरा बने', तो में आज मरने के लिये तैयार हूँ ।