ताजीम

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ताजीम संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ ताजीम] किसी बड़े के सामने उसके आदर के लिये उठकर खड़ा हो जाना, झुककर सलाम करना इत्यादि । संमानप्रदर्शन । उ॰—सिजदा सिरनहार कौं मुरसिद कौ ताजीम ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ २८९ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।