ताड़ना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ताड़ना ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ताडन]
१. प्रहार । मार । उ॰— देइ ताड़ना चित्त कौ तुबक सर चाढे़ आस हो ।— कबीर सा॰, पृ॰ ८६ । क्रि॰ प्र॰—करना । —होना ।
ताड़ना ^२ क्रि॰ स॰
१. मारना । पीटना । दंड देना ।
२. डाँटना । डपटना । शासित करना ।
लोक भाषा- ताड़ना (क्रिया) देखना, नजर रखना
ताड़ना ^३ क्रि॰ स॰ [सं॰ तर्कण (=सोचना)]
१. किसी ऐसी बात को जान लेना जो जान बूझकर प्रकट न की गई हो या छिपाई गई हो । लक्षण से समझ लेना । अंदाज से मालूम कर लेना । भाँपना । लख लेना । जैसे,— मैं पहले ही ताड़ गया कि तुम इसी लिये आए हो । उ॰— लिहा जौहरी ताड़ फिरा है ग्राहक खाली । थैली लई समेटि दिहा गाहक को टाली ।— पलटू॰, भा॰ १, पृ॰ ५९ । संयो॰ क्रि॰ —जाना ।—लेना ।
२. मार पीटकर भगाना । हटा देना । हाँकना । संयो॰ क्रि॰ —देना ।