ताण्डव
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तांडव संज्ञा पुं॰ [सं॰ ताण्डव]
१. पुरुषों का नृत्य । विशेष—पुरुषों के नृत्य को तांडव और स्त्रियों के नृत्य को लास्य कहतो हैं । तांडव नृत्य शिव को अत्यंत प्रिय है । इसी से कोई तंडु अर्थात नंदी को इस नृत्य का प्रवर्तक मानते हैं । किसी किसी के अनुसार तांडव नामक ऋषि ने पहले पहल इसकी शिक्षा दी, इसी से इसका नाम तांडव हुआ ।
२. वह नाच जिसमें बहुत उछल कूद हो । उद्धत नृत्य ।
३. शिव का नाम ।
४. एक तृण का नाम ।