तात्पर्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तात्पर्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह भाव जो किसी वाक्य को कहकर कहनेवाला प्रकट करना चाहता हो । अर्थ । आशय । मतलब । अभिप्राय । विशेष—कभी कभी शब्दार्थ से तात्पर्य भिन्न होता है । जैसे, 'काशी गंगा पर है' वाक्य का शब्दार्थ यह होगा कि काशी गंगा के जल के ऊपर बसी है; पर कहनेवाले का तात्पर्य यह है कि गंगा के किनारे बसी है ।

२. तत्परता ।