तानना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तानना क्रि॰ स॰ [सं॰ तान (= विस्तार)]

१. किसी वस्तु को उसकी पूरी लंबाई या चौड़ाई तक बढ़ाकर ले जाना । फैलाने के लिये जोर से खींचना । किसी वस्तु को जहाँ की तहाँ रखकर उसके किसी छोर, कोने या अंश को जहाँ तक हो सके, बलपूर्वक आगे बढ़ाना । जैसे, रस्सी तानना । उ॰— इक दिन द्रौपदि नग्न होत है, चीर दुसासन तान ।— संतवाणी॰ पृ॰ ६७ । विशेष— 'तानना' और 'खींचना' में यह अंतर है कि तानने में वस्तु का स्थान नहीं बदलता । जैसे खूँटे में बँदी बँधी हुई रस्सी तानना । पर 'खींचना' किसी वस्तु को इस प्रकार बढ़ाने को भी कहते हैं जिसमें वह अपना स्थान बदलती है । जैसे, गाड़ी खींचना, पंखा खींचना । संयो॰ क्रि॰ —देना ।—लेना । मुहा॰—तानकर = बलपूर्वक । जोर से । जैसे, तानकर तमाचा मारना । उ॰— सतगुरु मारा तानकर, सब्द सुरंगी बान ।— कबीर सा॰, पृ॰ ८ ।

२. किसी सिमटी या लिपटी हुई वस्तु को खींचकर फैलाना । बलपूर्वक विस्तीर्ण करना । जोर से बढ़ाकर पसारना । जैसे, पाल तानना, छाता तानना, चद्दर तानकर सोना, कपडे़ को तानकर झौन मिटाना । विशेष— 'तानना' और 'फैलाना' मैं यह अंतर है की 'तानना' क्रिया में कुछ बल लगाने या जोर से खींचने का भाव है । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना । मुहा॰—तानकर सूतना = दे॰ 'तानकर सोना' । उ॰— भेद वह जो कि भेद खो देवे, जान पाया न तानकर सूते ।— चोखे॰, पृ॰ ४ । तानकर सोना = खूब हाथ पैर फैलाकर निश्चित सोना । आराम से सोना ।

३. किसी परदे की सी वस्तु को ऊपर फैलाकर बाँधना या ठहराना । छाजन की तरह ऊपर किसी प्रकारा का परदा लगाना । जैसे, चँदोवा तानना, चाँदनी तानना, तंबू तानना । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना ।

४. डोरी, रस्सी आदि को एक आधार से दूसरे आधार तक इस प्रकार खींचकर बाँधना कि वह ऊपर अधर में एक सीधी लकीर के रूप में ठहरी रहे । एक ऊँचे स्थान से दूसरे ऊँचे स्थान तक ले जाकर बाँधना । जैसे,—(क) यहाँ से वहाँ तक एक डोरी तान दो तो कपड़ा फैलाने का सुबीत हो जाय । (ख) जुलाहे का सूत तानना । संयो॰ क्रि॰ —देना ।

५. मारने के लिये हाथ या कोई हथियार उठाना । प्रहार के लिये अस्त्र उठाना । जैसे, तमाचा तानना, डंडा तानना ।

६. किसी को हानि पहुँचाने या दंड देने के अभिप्राय से कोई बात उपस्थित कर देना । किसी के खिलाफ कोई चिट्ठी पत्री या दरखास्त आदि भेजना । जैसे,— एक दरखास्त तान देंगे, रह जाओगे । संयो॰ क्रि॰—देना ।

७. कैदखाने भेजना । जैसे,—हाकिम ने उसे दो बरस को तान दिया ।

८. ऊपर उठाना । ऊँचे ले जाना । संयो॰ क्रि॰—देना ।