तारी
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तारी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰]
१. एक प्रकार की चिड़िया ।
२. निद्रा ।
३. समाधि । ध्यान । उ॰—(क) बिकल अचेत तारी तुम ही त्यों लगी रहै ।—घनानंद, पृ॰ २०० । (ख) सूनि समाधि लागि गइ तारी ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ १०० ।
तारी † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'ताली' । उ॰—चुटकी तारी थाप दे गऊ जिलाई बेग ।—कबीर मं॰, पृ॰ ११४ ।
तारी पु † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'ताड़ी' ।
तारी वि॰ [सं॰ तारिन्]
१. उद्धार के योग्य बनानेवाला ।
२. उद्धार करनेवाला । उद्धारक [को॰] ।