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तारीफ

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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तारीफ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ तारीफ़]

१. लक्षण । परिभाषा ।

२. वर्णन । विवरण ।

३. बखान । प्रशंसा । श्लाघा । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।

४. प्रशंसा की बात । विशेषता । गुण । सिफत । जैसे,—यही तो इस दवा में तारीफ है कि जरा भी नहीं लगती । मुहा॰—तारीफ के पुल बाँधना = बहुत अधिक प्रशंसा करना । अतिरंजित प्रशंसा करना । उ॰—मुबारक कदम ने तो तारीफ के पुल ही बांध दिए ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३५ ।