तास
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तास ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]
१. एक सुनहरे तारों का जड़ाऊ कपड़ा । उ॰—ये तास का सब वस्त्र पहने थी और मुँह पर भी तास का नकाब पड़ा हुआ था ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ ३, पृ॰ १८८ ।
२. बड़ा तश्त । परती (को॰) ।
३. वह कटोरा जो जलघड़ी की नाँद में पड़ता था (को॰) ।
तास ^२ सर्व॰ [हिं॰] दे॰ 'तासु' । उ॰—अनल पंषि लड़ि, चढ़ि आकाश, थकित भई हूँ छोर न सास ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ८४८ ।