तिरसूल † संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'त्रिशूल' । उ॰— जो तोको काँटा बुबै, ताहि बोव तू फूल । तोहि फूल को फूल है, वाको है तिरसूल ।— संतवाणी॰, पृ॰ ४४ ।