तिरस्कार

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तिरस्कार संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ तिरस्कृत]

१. अनादर । अपमान ।

२. भर्त्सना । फटकार ।

३. अनादरपूर्वक त्याग ।

४. साहित्य के अंतर्गत एक अर्थालंकार जिसमें गुणान्वित वस्तु में दुर्गुण दिखाकर उसका तिरस्कार किया जाता है । क्रि॰ प्र॰ — करना ।—होना ।