तिरस्कृत वि॰ [सं॰] १. जिसका तिरस्कार किया गया हो । अनादृत । २. अनादरपूर्वक त्याग किया हुआ । ३. आच्छादित्त । परदे में छिपा हुआ । ४. तंत्र के अनुसार (वह मंत्र) जिसके मध्य में दकार हो और मस्तक पर दो कवच और अस्त्र हों ।