सामग्री पर जाएँ

तिलोत्तमा

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

तिलोत्तमा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] पुराणानुसार एक परम रूपवती अप्सरा जिसके विषय में यह कहा जाता है कि ब्रह्मा ने संसार भर के सब उत्तम पदार्थों में से एक एक तिल अंश लेकर इसे बनाया था । विशेष—इसकी उत्पत्ति हिरण्याक्ष के सुंद और उपसुंद नामक दोनों पुत्रों के नाश के लिये हुई थी जिन्होंने बहुत तपस्या करके यह वर प्राप्त कर लिया था कि हम लोग किसी दूसरे के मारने से न मरें; और यदि मरें भी तो आपस में ही लड़कर मरें । इन दोनों भाइयों में बहुत स्नेह था और इन्होंने देवताओं तथा इंद्र को बहुत तंग कर रखा था । इन्हीं दोनों में विरोध कराने के लिये ब्रह्मा ने तिलोत्तमा की सृष्टि की और उसे सुंद तथा उपसुंद के निवासस्थान विंध्या- चल पर भेज दिया । इसी को पाने के लिये दोनों भाई आपस में लड़ मरे थे ।