तीवर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तीवर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. समुद्र ।

२. व्याघा । शिकारी ।

३. घोवर । अहुआ ।

४. एक वर्णंसंकर अंत्यज आति । विशेष—यह बह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राजपूत माता और क्षत्रिय पिता के गर्भ से उचा पराजर के मत से राजपूत माता और चूर्णक पिता के गर्भ से उत्पन्न है । कुछ गौण तीवर और धीवर को एक मानते हैं । स्मृति के अनुसार तौवर को स्पर्श करने पर स्नान करने की आवश्यकता होती है ।