तुक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तुक ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ टूक ( = टुकड़ा)]
१. किसी पद्य या गीत का कोई खंड । कड़ी ।
२. पद्य के चरण का अंतिम अक्षरों का परस्पर मेल । अक्षरमैत्री । अंत्यानुप्रास । काफिया । यौ॰—तुकबंदी । मुहा॰—तुक जोड़ना = (१) वाक्यों को जोड़कर और चरणों के अंतिम अक्षरों का मेल मिलाकर पद्य खड़ा करना । (२)
तुक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं तर्क] मेल । सामंजस्य । जैसे,—आपकी बात का कोई तुक नहीं है ।