तुग्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तुग्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैदिक काल के एक राजर्षि का नाम जो अश्विनी कुमारों के उपासक थे । विशेष—इन्होंने द्वीपांतरों के शत्रुओं को परास्त करने के लिये अपने पुत्र भुज्यु को जहाज पर चढ़ाकर समुद्रपथ से भेजा था । मार्ग में जब एक बड़ा तूफान आया और वायु नौका को उलटने लगी, तब भुज्यु ने अश्विनीकुमारों की स्तुति की । अश्विनीकुमारों ने संतुष्ट होकर भुज्यु को सेना सहित अपनी बौका पर लेकर तीन दिनों में उसके पिता के पास पहुँचा दिया ।