तुम्बुरु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तुंबुरु संज्ञा पुं॰ [सं॰ तुम्बुरु]

१. धनिया ।

२. एक प्रकार के पौधे का बीज जो धनिया के आकार का पर कुछ कुछ फटा हुआ होता है । विशेष—इसमें बड़ी झाल होती है । मुँह में रखने से एक प्रकार की चुनचुनाहट होती है और लार गिरती है । दाँत के दर्द में इस बीज को लोग दाँत के नीचे दबाते हैं । वैद्यक में यह गरम, कड़ुवा, चरपरा, अग्निदीपक तथा कफ, वात, शूल आदि को दूर करनेवाला माना जाता है । इसे बंगाल में नैपाली धनिया कहते हैं । एक गंधर्व जो चैत के महीने में सूर्य के रथ पर रहते हैं । विशेष—ये विष्णु के एक प्रिय पार्श्वचर और संगीत विद्या में अति निपुण हैं ।

४. एक जिन उपासक का नाम ।

५. तानपूरा (को॰) ।