तुरी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तुरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. जुलाहों का तोरिया या तोड़िया नाम का औजार ।
२. जुलाहों की कूची । हत्थी ।
३. चित्रकार की तूलिका (को॰) ।
४. वसुदेव की एक पत्नी का नाम (को॰) ।
तुरी ^२ वि॰ वेगवाली ।
तुरी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ तुरय( = घोड़ा)]
१. घोड़ी । उ॰—तुरी अठारह लाख अमीरी बलख की । दिया मर्द ने छोड़ आस सब खलक की ।—पलटू॰, भा॰ २, पृ॰ ७९ ।
२. लगाम । बाग ।
तुरी ^४ संज्ञा पुं॰ [हिं॰]
१. घोड़ा ।
२. सवार । अश्वारोही ।
तुरी ^५ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ तुर्रा]
१. फूलो का गुच्छा ।
२. मोती की लड़ों का झब्बा जो पगड़ी से कान के पास लटकाया जाता है ।
तुरी ^६ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'तुरही' ।
तुरी पु ^७ संज्ञा पुं॰ [सं॰ तुरीय] चौथी अवस्था । उ॰—प्रेम तेल तुरी, बरी, भयो ब्रह्म उँजियार ।—दारिया॰ बानी, पृ॰ ६७ ।