तूत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तूत संज्ञा पुं॰ [फा़॰] एक पेड़ जिसके फल खाए जाते हैं । विशेष—यह पेड़ मझोले आकार का होता है । इसके पत्ते फालसे के पत्तों से मिलते जुलते, पर कुछ लंबोतरे और मोटे दल के होते हैं । किसी किसी के सिरे पर फाँकें भी कटी होती हैं । फूल मंजरी के रूप में लगते हैं जिनसे आगे चलकर की़ड़ों की तरह लंबे लंबे फल होते हैं । इन फलों के ऊपर महीन दाने होते हैं जिनपर रोइयाँ सी होती हैं । इनके कारण फलों की आकृति और भी कीड़ों की सी जान पड़ती है । फलों के भेद से तूत कई प्रकार के होते हैं; किसी के फल छोटे और गोल, किसी के लंबे किसी के हरे, किसी के लाल या काले होते हैं । मीठी जाति के बडे़ तूत को शहतूत कहते हैं । तूत योरप और एशिया के अनेक भागों में होता है । भारतवर्ष में भी तूत के पेड़ प्रायः सर्वत्र—काश्मीर से सिक्किम तक—पाए जाते हैं । अनेक स्थानों में, विशेषतः पंजाब और काश्मीर में, तूत के पेड़ों की पत्तियों पर रेशम के कीडे़ पाले जाते हैं । रेशम के कीडे़ उनकी पत्तियाँ खाते हैं । तूत की लकडी़ भी वजनी और मजबूत हौती है और खेती तथा सजावट के सामान, नाव आदि बनाने के काम आती है । तूत शिशिर ऋतु में पत्ते झाड़ता है और चैत तक फूलता है । इसके फल असाढ में पक जाते हैं ।