तृतीय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तृतीय ^१ वि॰ [सं॰] तीसरा ।

तृतीय ^२ संज्ञा पुं॰

१. किसी वर्ग का तीसरा व्यंजन वर्ण ।

२. संगीत का एक मान ।

तृतीय सवन संज्ञा पुं॰ [सं॰] अग्निष्टोम आदि यज्ञों का तीसरा सवन जिसे सायं सवन भी कहते हैं । दे॰ 'सवन' ।