तृतीया
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तृतीया संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. प्रत्येक पक्ष का तीसरा दिन । तीज ।
२. व्याकरण में करण कारक ।
तृतीया तत्पुरुष संज्ञा पुं॰ [सं॰] तत्पुरुष समास का एक भेद ।
तृतीया नायिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ तृतीया + नायिका] नायिका भेद के अनुसार अधमा या सामान्या नायिका । दे॰ 'नायिका' । उ॰—वास्तव में पश्चिमीय सभ्यता अभी बाला और तृतीया नायिका वा वेश्या—वृत्ति—धारणी है ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ २५९ ।