तेग संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ तेग्र] तलवार । खंग । उ॰—(क) जो रनसूर तेग तजि देवैं । तो हमहूँ तुम्हरो मत लेवैं ।—विश्राम (शब्द॰) । (ख) बरनै दिनदयाल हरषि जो तेग चलैहौ । ह्वैहो जीते जसी, लरे सुरलोकहि पैहो ।—दीनदयालु (शब्द॰) ।