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तेहर

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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तेहर † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ त्रि + हार] तीन लड़ की सिकडी़, करधनी या जंजीर जिसे स्त्रियाँ कमर में पहनती हैं । उ॰—जेहर, तेहर, पाँय, बिछुवन छबि उपजायल ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३८६ ।