तोरण

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तोरण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी घर या नगर का बाहरी फाटक । बहिर्द्वार । विशेषत: वह द्वार जिसका ऊपरी भाग मंडपाकार तथा मालओं और पताकाओं आदि से सजाया गया हो । उ॰—स्वच्छ सुंदर और विस्तृत घर बने; इंद्रधनुषाकार । तोरण हैं तने ।—साकेत, पृ॰ ३ ।

२. वे मालाएँ आदि ज ो सजावट के लिये खंभों और दीवारों आदि में आदि में बाँधकर लटकाई जाती हैं । बंदनवार ।

३. ग्रीवा । गला ।

४. महादेव ।