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तोरण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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तोरण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी घर या नगर का बाहरी फाटक । बहिर्द्वार । विशेषत: वह द्वार जिसका ऊपरी भाग मंडपाकार तथा मालओं और पताकाओं आदि से सजाया गया हो । उ॰—स्वच्छ सुंदर और विस्तृत घर बने; इंद्रधनुषाकार । तोरण हैं तने ।—साकेत, पृ॰ ३ ।

२. वे मालाएँ आदि ज ो सजावट के लिये खंभों और दीवारों आदि में आदि में बाँधकर लटकाई जाती हैं । बंदनवार ।

३. ग्रीवा । गला ।

४. महादेव ।