तौक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तौक संज्ञा पुं॰ [अ॰ तौक़]

१. हँसुली के आकार का गले में पहनने का एक प्रकार का गहना । यह पटरी की तरह कुछ चौड़ा होता है और इसके नीचे घुँघरू आदि लगे होते हैं । विशेष—प्राय: मुसलमान लोग अपने बच्चों को इसी प्रकार का चाँदी का घेरा या गंडा भी पहनाते हैं जिसमें तावीज आदि बँधी होती है । कभी कभी यह केवल मन्नत पूरी करने के लिये भी पहनाया जाता है ।

२. इसी आकार की पर तौल में बहुत भारी वृत्ताकर पटरी या मँडरा जिसे अपराधी या पागल के गले में इसलिये पहना देते हैं जिसमें वह अपने स्थान से हिल न सके ।

३. इसी प्रकार का वह प्राकृतिक चिह्न जो पक्षियों आदि के गले में होता है । हँसुली ।

४. पट्टा । चपरास ।

५. कोई गोल घेरा या पदार्थ ।