त्रयी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]त्रयी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. तीन वस्तुओं का समूह । तिगुह । तीखट । जैसे, ब्रह्मा, विष्णु और महेश । उ॰— (क) वेद त्रयी अरु राजसिरी परिपूरनता शुभ योगमई है ।— केशव (शब्द॰) । (ख) किधौं सिंगार सुखमा सुप्रेम मिले चले जग चित बित लेन । अद्रुत त्रयी किधौं पठई है विधि मग लोगन सुख देन॰— तुलसी (शब्द॰) ।
२. सोमराजी लता ।
३. दुर्गा ।
४. वह स्त्री जिसका पति और बच्चे जीवित हों (को॰) ।
५. बुद्धि । समझ (को॰) ।