त्रयीविद्या

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

त्रयीविद्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ त्रयी+ विद्या] ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद ये तीन वेद । उ॰— ऊपर की पंक्तियों में त्रयीविद्या अथवा प्रथम तीन वेदों के दर्शन एवं कर्मकांड के सिद्धातों की संक्षिप्त विवेचना की गई ।— सं॰ दरिया, (भू॰) पृ॰ ५५ ।