त्रिकशूल संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रकार का वातरोग जिसमें कमर की तीनों हड्डियों, पीठ की तीनों हड्डियों और रीढ में पीडा उत्पन्न हो जाती है ।