त्रियामा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. रात्रि । विशेष—रात के पहले चार दंडों और अंतिम चार दंडों की गिनती दिन में की जाती है, जिससे रात में केवल तीन ही पहर बच रहते हैं । इसी से उसे त्रियामा कहते हैं । २. यमुना नदी । ३. हलदी । ४. नील का पेड़ । ५. काला निसोथ ।