त्रिशालक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

त्रिशालक संज्ञा पुं॰ [सं॰] वृहत्संहिता के अनुसार वह इमारत जिसके उत्तर ओर और कोई इमारत न हो । विशेष—ऐसी इमारत अच्छी समझी जाती है ।