त्रिशिर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
त्रिशिर संज्ञा पुं॰ [सं॰ त्रिशिरस्]
१. रावण का एक भाई जो खर- दूषण के साथ दंडक वन में रहा करता था ।
२. कुबेर ।
३. एक राक्षास जिसका उल्लेख महाभारत में है ।
४. त्वष्टा प्रजा- पति के पुत्र का नाम । हरिवंश के अनुसार ज्वरपुरुष । विशेष—इसे दानवों के राजा बाण की सहायता के लिये महादेव जो ने उत्पन्न किया था और जिसके तीन सिर, तीन पैर, छह हाथ और नौ आँखे थीं ।