त्रिस्पृशा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

त्रिस्पृशा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार की एकादशी । विशेष—यह उस समय होती है जब एक ही सायन दिन में उदयकाल के समय थोड़ी सी एकादशी और रात के अंत में त्रयोदशी होती है । ऐसी एकादशी बहुत उत्तम और पुण्य कार्यों के लिये उपयुक्त मानी जाती है ।